छत्तीसगढ़-रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में पीजी के 3 नए कोर्स, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी

रायगढ़/रायपुर.

राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रायगढ़ स्थित स्व. लखीराम मेमोरियल शासकीय मेडिकल कॉलेज में पीजी के तीन नए पाठ्यक्रम शुरू करने की मंजूरी दी है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस आशय का इशेंसियेलिटी सर्टिफिकेट भी जारी किया. नए कोर्स में एम.एस. जनरल सर्जरी के लिए 7 सीट, एम.डी. पीडियाट्रिक्स के लिए 4 सीट और एम.डी. जनरल मेडिसिन के लिए 5 सीटों समेत कुल 16 सीटों की अनुमति प्रदान की गई है.

मालूम हो कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और युवाओं के लिए राज्य में ही मेडिकल शिक्षा की सुविधा को लेकर काफी संवेदनशील हैं. राज्य शासन के द्वारा नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी दिए जाने पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि सीटों में वृद्धि से राज्य में एमबीबीएस पास करने वाले मेडिकल के छात्रों को लाभ मिलेगा. राज्य में ही पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश की संभावना बढ़ने से छात्रों को राज्य में ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा. इससे न सिर्फ मेडिकल में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि राज्य को अतिरिक्त विशेषज्ञ चिकित्सक भी मिलेंगे.

गुड गवर्नेंस पर सम्मेलन आज से
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 21 और 22 नवंबर को “गुड गवर्नेंस” विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन में गुड गवर्नेंस की बेस्ट प्रेक्टिसेस, नागरिक सशक्तिकरण, शासन-प्रशासन के कामकाज और नागरिक सेवाओं की आम जनता तक पहुंच को आसान बनाने के लिए विभिन्न ई-प्लेटफार्म के उपयोग आदि से संबंधित विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह इस क्षेत्रीय सम्मेलन के 22 नवंबर को आयोजित समापन सत्र को संबोधित करेंगे. भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग और छत्तीसगढ़ के सुशासन और अभिसरण विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से 150 प्रतिनिधियों सहित भारतीय प्रशासनिक सेवा के छत्तीसगढ़ के अधिकारी शामिल होंगे. क्षेत्रीय सम्मेलन में नवाचार-राज्य, जिला प्रशासन में महिला नेतृत्व, जिलों का समग्र विकास, ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोत्तम प्रथाएं‘‘, ‘‘जिलों के समग्र विकास में संतृप्ति दृष्टिकोण‘‘ आदि विषयों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे.