
भोपाल
मध्य प्रदेश में मेडिकल शिक्षा का ढांचा तेजी से मजबूत हो रहा है. 2025-26 में एमपी नीट एमबीबीएस काउंसलिंग सत्र के दौरान प्रदेश में 200 नई सरकारी एमबीबीएस सीटें जुड़ने की संभावना है. फिलहाल राज्य के 17 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 2,575 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं. अगर नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिलती है तो यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा. इससे प्रदेश के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में स्टूडेंट्स को अधिक अवसर मिलेंगे और डॉक्टर्स की संख्या में भी इजाफा होगा.
निदेशालय चिकित्सा शिक्षा (DME) के आयुक्त तरुण राठी ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश के श्योपुर और सिंगरौली जिलों में दो नए सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) को भेजा गया है. हर कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस सीटें होंगी. इस हिसाब से राज्य में एमबीबीएस की 200 सीटें बढ़ जाएंगी. मंजूरी मिलने पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 19 हो जाएगी और स्टूडेंट्स के लिए सरकारी संस्थानों में पढ़ाई का मौका बढ़ेगा.
डीएमई आयुक्त तरुण राठी के अनुसार 100-100 सीटों वाले नए सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव मेडिकल काउंसलिंग कमेटी को भेजा गया है। ये मेडिकल कॉलेज श्योपुर और सिंगरौली में स्थापित करने के प्रस्ताव हैं। इसे मंजूरी मिलते ही सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 19 हो जाएगी।
2026-27 तक 25 सरकारी मेडिकल कॉलेज
राज्य सरकार चिकित्सा संसाधनों को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत नए संस्थान स्थापित कर रही है, ताकि स्वास्थ्यकर्मियों की कमी दूर हो सके। डीएमई का लक्ष्य 2026-27 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाकर 25 करना है। इस विस्तार में छह नए कॉलेज स्थापित किए जाने हैं। इनसे प्रदेश में 600 अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें बढ़ेंगी।
चार जिलों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज
मध्यप्रदेश पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर मेडिकल कॉलेज शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। नीति आयोग के प्रस्ताव के तहत प्रदेश सरकार चार जिला अस्पतालों को पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज में बदलेगा। बैतूल, पन्ना, धार और कटनी में ये कॉलेज स्थापित करने की योजना पूरी हो चुकी है। अब इनके औपचारिक लोकार्पण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यह कदम विशेष रूप से ग्रामीण-आदिवासी और दूरदराज क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं और डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने में अहम साबित होगा।
मध्य प्रदेश में कितने मेडिकल कॉलेज हैं?
मौजूदा दौर में मध्य प्रदेश में 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. राज्य सरकार 2026-27 तक सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 25 तक पहुंचाने की कोशिश में है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 6 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बनाई गई है. इन कॉलेजों से एमबीबीएस की कुल 600 नई सीटें जुड़ेंगी. इससे प्रदेश के मेडिकल स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इससे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के उम्मीदवारों को फायदा मिलेगा.
राज्य में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा
मध्य प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं का लाभ उठा रही है. इन योजनाओं के तहत राज्य में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, आधुनिक उपकरणों की खरीद और अस्पतालों के विस्तार के लिए धन उपलब्ध कराया जाता है. श्योपुर और सिंगरौली के प्रस्तावित कॉलेज भी इसी योजना में शामिल हो सकते हैं. इसका उद्देश्य न केवल चिकित्सा शिक्षा के अवसर बढ़ाना है, बल्कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में हाई क्वॉलिटी हेल्थ सर्विस सुनिश्चित करना भी है.
पीपीपी मोड पर 4 जिलों में मेडिकल कॉलेज
मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल होने जा रहा है, जो नीति आयोग के प्रस्ताव को अपनाकर सरकारी जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलेंगे. यह प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर लागू होगा. इससे सरकारी और निजी क्षेत्र, दोनों के संसाधनों का लाभ एक साथ मिल सकेगा. फरवरी में भोपाल में आयोजित एमपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के दौरान इस प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई थी. इस मॉडल से मेडिकल कॉलेज की स्थापना में आने वाली चुनौतियों को आसानी से दूर किया जा सकेगा.
इन जिलों में बनेंगे कॉलेज
सूत्रों के अनुसार, पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की योजना बैतूल, पन्ना, धार और कटनी जिलों के लिए है. इन जिलों में स्थित जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज में बदला जाएगा. यहां न केवल एमबीबीएस कोर्स शुरू होगा, बल्कि संबंधित नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स भी उपलब्ध होंगे. फिलहाल इन योजनाओं का औपचारिक उद्घाटन बाकी है, लेकिन अनुमानों के मुताबिक अगले एक साल में ये मेडिकल कॉलेज शुरू हो सकते हैं.
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