
इंदौर
देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में मामूली वृद्धि के बीच, मध्यप्रदेश में स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है. 30 मई 2025 की सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में केवल 2 सक्रिय कोरोना केस दर्ज किए गए हैं, जो पहले के 10 मामलों से भी कम है. राहत की बात यह भी है कि राज्य में कोरोना से किसी नई मौत की सूचना नहीं है. हालांकि, इंदौर में पिछले कुछ दिनों में नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. गुरुवार को भी इंदौर में दो नए मामले सामने आए थे, और शुक्रवार को भी तीन नए मरीज मिलने की खबर है.
मध्यप्रदेश में कोविड-19 की स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है और सरकार ने आवश्यक एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है. लोगों से अपील है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का पालन करें. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के कोविड-19 डैशबोर्ड के अनुसार, 30 मई 2025 को सुबह 8 बजे तक देशभर में कुल 2710 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं.
केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस, दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र
इन मामलों में केरल (430 सक्रिय मामले), महाराष्ट्र (210 सक्रिय मामले) और दिल्ली (104 सक्रिय मामले) जैसे राज्यों में सबसे अधिक मामले हैं. बीते 24 से 48 घंटों के दौरान देशभर में करीब 7 लोगों की मौत कोरोना से हुई है. इसमें दिल्ली में हुई एक मौत भी शामिल है, जो एक 60 वर्षीय महिला की थी, जिसे तीव्र आंतों में रुकावट के साथ कोविड-19 भी था. महाराष्ट्र में भी 3 मौतें दर्ज की गई हैं.
मध्यप्रदेश सरकार की एडवाइजरी और उपाय
मध्यप्रदेश में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में होने के बावजूद, सरकार ने पूरी तरह से सतर्कता बरतने की सलाह दी है. इंदौर में नए मामलों के सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की है. लोगों से अपील की गई है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें और हाथ स्वच्छता बनाए रखें. सलाह दी गई है कि सर्दी, खांसी, बुखार, या गले में खराश/रूखापन (होर्सनेस) जैसे लक्षण महसूस होने पर तत्काल कोविड-19 की जांच कराएं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
नए सब-वेरिएंट और विशेषज्ञों की राय
देशभर में NB.1.8.1 और LF.7 नामक नए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट से जुड़े मामलों में वृद्धि देखी गई है. WHO ने इन वेरिएंट्स को ‘निगरानी में रखे जाने वाले वेरिएंट’ (Variants Under Monitoring) के रूप में वर्गीकृत किया है, न कि ‘चिंताजनक वेरिएंट’ (Variants of Concern) के रूप में. विशेषज्ञों के अनुसार, ये वेरिएंट्स पहले के स्ट्रेन की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकते हैं, लेकिन इनसे होने वाली बीमारी की गंभीरता आम तौर पर कम है. नए लक्षणों में गले में खराश या आवाज में भारीपन (hoarseness) एक प्रमुख लक्षण के रूप में सामने आ रहा है.
लोगों को तुरंत कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने इस बारे में बात करते हुए कहा, “अभी तक, गंभीरता आम तौर पर कम है. चिंता की कोई बात नहीं है. हमें सतर्क रहना चाहिए और हमेशा तैयार रहना चाहिए. लोगों को तुरंत कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है. उन्हें सामान्य सावधानियों का पालन करना चाहिए. अभी कुछ खास करने की जरूरत नहीं है.” उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा टीके गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से अभी भी मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं.
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