सीरिया में नवंबर से अब तक 11 लाख लोग हुए हैं विस्थापितः UN

दमिश्क
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा है कि सीरिया में 27 नवंबर को युद्ध के जोर पकड़नेे के बाद से 11 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं।

आईडीपी टास्क फोर्स ने कहा, “सीरिया में 27 नवंबर को युद्ध के तेज हाेने के बाद से 11 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं।” संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लगभग 6,40,000 लोग अलेप्पो प्रांत से भाग गए, जबकि 3,34,000 लोग इदलिब से और 1,36,000 लोग हमा से भाग गए।

उल्लेखनीय है कि सीरियाई सशस्त्र विपक्ष ने रविवार को राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। रूसी अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति बशर असद ने सीरियाई संघर्ष के प्रतिभागियों के साथ बातचीत के बाद पद छोड़ दिया और सीरिया छोड़कर रूस चले गए, जहाँ उन्हें शरण दी गई। इसके बाद मोहम्मद अल-बशीर (जो हयात तहरीर अल-शाम और अन्य विपक्षी समूहों द्वारा गठित इदलिब-आधारित प्रशासन चलाते थे) को मंगलवार को अंतरिम प्रधानमंत्री नामित किया गया।

13 साल का गृह युद्ध और 60 लाख शरणार्थी, इन देशों में रह रहे हैं सीरिया के लोग

8 दिसंबर को सीरिया में 13 साल लंबे गृह युद्ध के बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल-असद रूस भाग गए. इसी के साथ असद परिवार का 54 साल पुराना राज खत्म हो गया. इसमें 24 साल तो खुद बशर अल-असद के हैं. उनके सत्ता से हटने के बाद, राजधानी दमिश्क समेत दुनिया भर में सीरियाई लोगों ने जश्न मनाया. यह जश्न खास तौर पर उन लाखों सीरियाई लोगों के लिए मायने रखता है, जो गृह युद्ध की त्रासदी से बचने के लिए अपना घर छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हुए.

हालांकि, इस बदलाव के साथ ही यूरोपीय देशों में सीरियाई शरणार्थियों को वापस भेजने की मांग भी जोर पकड़ रही है. जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, बेल्जियम और ब्रिटेन जैसे देशों ने उनके असाइलम आवेदनों पर रोक लगा दी है. आखिर किन देशों में सबसे ज्यादा सीरियाई शरणार्थी रहते हैं?
इतने सीरियाई को दूसरे देशों में लेनी पड़ी शरण

2011 में, अल-असद के खिलाफ जब विद्रोह की शुरुआत हुई तो सीरिया की आबादी लगभग 2 करोड़ थी. इसके बाद के वर्षों में लगभग पाँच लाख लोग मारे गए, दस लाख से अधिक घायल हुए और लगभग 1.3 करोड़ लोग अपना घर छोड़कर भाग गए.

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 तक, कम से कम 74 लाख सीरियाई आंतरिक रूप से विस्थापित हैं, जिनमें से लगभग 49 लाख पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं. इसके अलवा 13 लाख लोग अधिकतर यूरोप में बस गए हैं. सबसे अधिक पंजीकृत सीरियाई शरणार्थियों वाले पड़ोसी देशों में तुर्किये, लेबनान, जॉर्डन और इराक शामिल हैं.

इन शरणार्थियों की एक बड़ी संख्या यूरोपीय देशों में भी है. न्यूज मैगजीन ‘पॉलिटिको’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2015 से अब तक लगभग 45 लाख सीरियाई लोग यूरोप आए. यूरोपीय संघ (ईयू) ने 2015 से 2023 के बीच लगभग 13 लाख सीरियाई शरणार्थियों को सुरक्षा का दर्जा दे चुका है.
तुर्किए में रहते हैं सबसे ज्यादा रिफ्यूजी

सीरिया के लगभग आधे पंजीकृत शरणार्थी, या 31 लाख तुर्किये में रहते हैं, जो दुनिया में सबसे बड़ी शरणार्थी आबादी की मेजबानी करता है. तुर्की सीरिया का पड़ोसी देश भी है इसलिए सीरियाई लोगों ने यही शरण सबसे पहले ली.

तुर्की सरकार सीरियाई लोगों को टेम्पोररी प्रोटेक्टेड स्टेट्स देता है जिससे उन्हें कानूनी रूप से रहने की इजाजत मिलती है. मगर इससे किसी को भी देश की नागरिकता नहीं मिलती.

उसके बाद दूसरे नंबर पर आता है लेबनान. जो कि लगभग 7 लाख 74 हजार पंजीकृत शरणार्थियों को शरण देता है. अगर इसमें अपंजीकृत व्यक्तियों को शामिल कर लिया जाए तो कुल संख्या करीब 15 लाख हो जाती है. लेबनान में हर पांच में से एक व्यक्ति सीरियाई शरणार्थी है. दोनों देशों के बीच आवाजाही आसान थी क्योंकि सीमा पार करने के लिए एक आईडी कार्ड ही काफी था. इसलिए शरणार्थियों ने बड़ी संख्या में और तेज़ी से लेबनान में शरण लेना शुरू कर दिया.

तीसरा देश है जर्मनी. यूनाइटेड नेशन्स के मुताबिक जर्मनी में 7 लाख 16 हजार सीरियाई शरणार्थी रहते हैं. एंजेला मर्केल की सरकार ने सीरिया के गृहयुद्ध से भाग रहे शरणार्थियों के लिए जर्मनी की सीमाओं को बंद नहीं करने का निर्णय लिया था. उस समय माहौल यह था कि जर्मनी प्रबंधन कर लेगा हालांकि अब चीजें काफी बदल गई हैं.

उसके बाद ईराक है जहां 2 लाख 86 हजार लोग रहते हैं. फिर इजिप्ट है 1 लाख 56 हजार शरणार्थियों के साथ. उसके बाद ऑस्ट्रिया, स्वीडेन, नीदरलैंड्स और ग्रीस है.
यूरोप में शरणार्थियों को वापस भेजने पर क्यों जोर?

असद को सत्ता से बेदखल किए जाने से पहले भी कुछ देश सीरियाई शरणार्थियों को असाइलम ना देने और उन्हें वापस भेजने की बात उठा रहे थे. अलजजीरा के मुताबिक इसमें सबसे बड़ी बाधा, यूरोपीयन यूनियन एजेंसी फॉर असाइलम (EUAA) की तरफ से की तय की गई सुरक्षित देश की परिभाषा

दरअसल EUAA का सेक्शन 4.3.2 कहता है कि शरण के लिए आवेदन करने वाले को या शरणार्थी को उसके देश वापस भेजने के लिए जरूरी है कि उस देश में कानूनों का पालन लोकतांत्रिक तरीके से होता हो, राजनीतिक घटनाक्रम उत्पीड़न, यातना, या सजा का कारण ना बनते हों. इन मानकों पर सीरिया खरा नहीं उतरता था. अब असद के बाहर होने के बाद एक बार फिर सीरियाई शरणार्थियों का मुद्दा फिर गर्म हो गया है.

हालांकि यूएनएचसीआर के मुताबिक, सीरिया में वापसी में बढ़ोतरी हुई है. 2024 के पहले आठ महीनों में, लगभग 34,000 सीरियाई शरणार्थियों के घर लौटने की पुष्टि की गई थी. संख्या इससे अधिक भी हो सकती है.